[web_stories title=”true” excerpt=”false” author=”false” date=”false” archive_link=”true” archive_link_label=”” circle_size=”150″ sharp_corners=”false” image_alignment=”left” number_of_columns=”1″ number_of_stories=”5″ order=”DESC” orderby=”post_title” view=”circles” /]Apart from CIBIL score there is a lot more, CIBIL रिपोर्ट में और भी जानकारी, ज़्यादातर लोगों को नहीं होती जानकारी
Apart from CIBIL score there is a lot more : आपकी CIBIL रिपोर्ट में सिर्फ़ क्रेडिट स्कोर ही नहीं होता, बल्कि इसमें उससे कहीं ज़्यादा जानकारी भी होती है, जिसके बारे में ज़्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी यहाँ जानें।CIBIL स्कोर लोन लेने और उसे चुकाने की क्षमता को मापने का एक तरीका है। CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। जितना बेहतर CIBIL स्कोर होगा, बैंक के लिए व्यक्ति उतना ही भरोसेमंद होगा। आम तौर पर 750 से ज़्यादा स्कोर अच्छा माना जाता है।
ट्रांसयूनियन CIBIL, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और CRIF हाईमार्क जैसी क्रेडिट इन्फ़ॉर्मेशन कंपनियाँ समय-समय पर CIBIL रिपोर्ट जारी करती हैं। आपकी CIBIL रिपोर्ट में सिर्फ़ क्रेडिट स्कोर ही नहीं होता, इसमें उससे कहीं ज़्यादा जानकारी भी होती है, जिसके बारे में ज़्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी यहाँ जानें-
आपकी CIBIL रिपोर्ट कैसे तैयार की जाती है-
Apart from CIBIL score there is a lot more बैंक और NBFC समेत सभी संस्थाएं आपके लोन और क्रेडिट कार्ड का मासिक रिकॉर्ड क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को देती हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं ग्राहकों के लोन और क्रेडिट कार्ड से जुड़े डेटा को मासिक आधार पर क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को सौंपती हैं, इन रिकॉर्ड के आधार पर ये कंपनियां CIBIL रिपोर्ट तैयार करती हैं।
CIBIL रिपोर्ट में ये जानकारियां भी शामिल होती हैं-
क्रेडिट स्कोर: इसमें 300 से 900 के बीच का 3 अंकों का क्रेडिट स्कोर होता है जो व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है।
व्यक्तिगत जानकारी: क्रेडिट स्कोर के अलावा व्यक्ति की जन्मतिथि, पैन, मोबाइल नंबर, पता आदि का उल्लेख CIR के पहले भाग में होता है।
खाते की जानकारी: इसके अंदर मौजूदा लोन से लेकर पिछले लोन और क्रेडिट कार्ड, आपकी पिछली बकाया राशि, लोन की राशि और क्रेडिट कार्ड की सीमा आदि की जानकारी मौजूद होती है।
क्रेडिट पूछताछ: जब भी आप क्रेडिट कार्ड/लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो लोन देने वाली संस्था क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट की कॉपी मांगती है। लोन देने वाली संस्था द्वारा किया गया ऐसा अनुरोध पूछताछ कहलाता है। इस जांच का उल्लेख क्रेडिट रिपोर्ट में भी किया गया है, और सिबिल स्कोर ख़राब होने उसे स्मार्ट तरीके से सुधारा भी जा सकता है।
क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी दर्ज होने पर क्या करे
Apart from CIBIL score there is a lot more कई बार बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा लोन बकाया के संबंध में गलत जानकारी दिए जाने के कारण क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी दर्ज हो जाती है। ऐसी स्थिति में आप बैंक में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर 30 दिनों के भीतर गलती को ठीक नहीं किया जाता है तो शिकायतकर्ता को कैलेंडर दिवस के अनुसार प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है। इसका मतलब है कि निपटान में जितनी देरी होगी, जुर्माना उतना ही अधिक देना होगा।
लोन देने वाली संस्था को शिकायत मिलने के 21 दिनों के भीतर इसकी जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को देनी होती है और क्रेडिट ब्यूरो को गलती को ठीक करने के लिए 9 दिन का समय मिलता है। अगर बैंक या लोन देने वाली वित्तीय संस्था 21 दिनों के भीतर क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी नहीं देती है तो बैंक को इसके लिए शिकायतकर्ता को मुआवजा देना होगा। वहीं अगर बैंक समय पर जानकारी दे देता है, लेकिन 9 दिनों के बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं होता है तो क्रेडिट ब्यूरो को मुआवजा देना होगा। बिना CIBIL स्कोर के तुरंत लोन पाएं मिल सकता है, जीरो CIBIL स्कोर पर भी तुरंत ₹50000 का लोन पा सकते हैं।
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